Beniwal (बेनीवाल जाट)
जानकारी
- मूल
*बेनी नागा मूल
* बेनीवाल गोत्र का नाम बानी (जगंल ) से निकला है
* वे नागवंशी क्षत्रिय है। उन्हें प्रथ्वी के प्रथम प्रतिष्ठिता राजा कहे जाने वाले पृथु के पूर्वज वेन (वेन) का वशंज कहा जाता है। उन्हें शिवगोत्री माना जाता है।
- उत्पत्ति
बेनीवाल गोत्र की उत्पति बानी जंगल से हुई है। ये लोग नागंवशी जाट है। इन्हे पृथ्वी भागवान विष्णु के अवतार के पूर्वज के वंशज माना जाता है। जिन्हें दुनिया का पहला शासक माना जाता है। जिन्हे अभिषेक किया गया है।
- इतिहास
बेनीवाल गोत्र संसार के प्राचीनतम तथा स्तंभ चार गोत्रो में से एक है। जनसंख्या में भी ये गोत्रो में ही आता है। गोत्रो के गांव की संख्या और घरो की संख्या के मिसल से ही लोग आए है। प्राचीन शासक. के लेखक भीम सिंह दहियालेख है इस गोत्र का वर्णन ई. पू. प्लिनी ने भी किया है |
अनुमान लगाया गया कि यह महाभारत के समय से बहुत पहले हुआ था. इसी के नाम से वर्तमान में बेनीवाल गोत्र प्रारंभ हुआ महाराजा चकवा वैन का किला शेरशाह मार्ग पर से 8 किलोमीटर दूरी पर है।
जाटो का जो वंश है। वह सेकण्डो वर्ष पहले यूरोप गए थे। उनमें से एक बेनीवाल भी थे। यह ईसाई धर्म के पालक है। ये अभी डेनमार्क, इंग्लैंड, आर्मीनिया, तुर्की जैसे आदि राज्यो में स्थित है। वैन (बैन) दें के रूप में आबाद से भी प्राप्त होती है। जाट इरिहासकारो जैसे- ठाकुर देशराज, कैप्टन दलीप सिंह अहलावत आदि के हातिहास में भी उल्लेख है। बीकनेर क्षेत्र में भी कई सीवजे पर इनका राज्य था।
इतिहासकारो संख्या 36 बताई जाती है हनुमानगढ़ भादरा (जिला) में आज भी इस गोत्र की उत्पाति है।
यह आर्यवर्ता के प्राचीन गोत्रों में से एक है। उस समय इनको बेनई के रूप में जाना जाता था तथा वाल एक प्रत्यय है। तैतीय एवं सत्पथ ब्राह्माण तथा कान्ठक सहित इस दावे को सिद्ध करते हैं। भारत एक कृषि प्रधान देश है। व जाटों का मुख्य कार्य क्षत्रिय व कृषि ही हुआ है। बेनीवाल गोत्र के पूर्व भी एक कृषि विशेषज्ञ था जो कि वेन पुत्र था । उसको नाम पृथ्थू था। यही पृथ्वी के प्रथम प्रतिष्ठा राजा हुए।इसकी 25 पीढियो के बाद वे द्वितीय राजा हुआ यह 6 चकवो में से एक चकवा था यह महाराजा चकवा वैन के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
जबकि इतिहास में हमें बिहार, अवध, रुहेल खंड में भी चकवा बैन के प्रमाण मिले है तुर्की, आर्मेनिया आदि देशो में वैन\बैन के नाम की अति प्राचीन झील हैं। रूस और डेनमार्क में भी इनके प्रमाण मिलते है। बिलोनिया के देशो पे हुकुमत करने वाले महान राजा “असुर बेनिपाल” को भी कुछ इतिहासकारों ने बेनिवाल जाट ही माना है।
सबसे अधिक जनसंख्या इस गोत्र के राजस्थान में पाए जाते हैं। जैसे हरियाणा पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, बिहार में भी यह गोत्र आबाद है कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इनकी उत्पति । शिव जी से हुई। शिव इनके अराध्य देव हे |
बेणी यानी बालो का गुछा, महादेव के जाटाओ से जाटों के पैदा होने की फिलोसोफी है उसके अनुसार वे शिव गोत्री अथवा नागवंशी ही हो सकते है।बेनीवाल जाटो की अपनी खाप भी है। आपको बता दे कि जाटो की गोत्र हजारों की संख्या में है लेकिन कुछ ही गोत्रो की अपनी खाप पंचायते है। जिसमे बेनीवाल खाप भी है। राठौरो से जिस समय अपने राज्य की रक्षा के लिए बेनीवाल जाटवीरों का संघर्ष हुआ उस समय उनके पास 48 गांव थे।
पंजाब और संयुक्त प्रदेश में भी बीकानेर की अधिक संख्या पाई जाती है। बीकानेर क्षेत्र में 250 गाँवो पर इनका राज्य था बीकानेर राज की और से उनके मुखियाँ के लिए पोशाक सलाना 500 रूपए और 75 रुपये की नदकार बंधी का पता चलता है, वेणीवाल लोगों के पास अन्य राज्यो के लोगो से कही अधिक उपजाऊ थी। बीकानेर में जाटो की के कमी के कारण इसका राज्य राठौड़ो ने हथिया लिया |
- प्रमुख गाँव
राजस्थान में वितरण
बाबलन , बाबला , भगतपुरा , चुवास , ढांढण , धोलिया , कोटड़ी धायलान ,सीकर , ठिमोली , खुड , रानोली , स्वामी की ढाणी , सवाई लक्ष्मणपुरा , शेरपुरा , आ
बंधा , बान्धरा , रामनगर , राववाला बज्जू , सतटांकेलियासर , तारातरा , उमरलाई खालसा ,बड़ेत , कोदेसर , रघुनाथपुरा , बिजनाइयों का बास (रघुनाथपुरा) , पुरा की ढाणी ,
बालरासर (6), भालेरी , बिरमसर , छापर चूरू , डालमन , डालूसर , दाउदसर , गोपालपुरिया , हांसियावास , कालवास , खंडवा , खंडवा पट्टा पीठेसर (, खुरी चूरू , कामां चूरू , लूणासर , मालकसर , मुंदीताल , नेशल , राबुरी , रैया टुंडा , रूपलीसर , सरदारशहर , सुजानगढ़ |
बहारा खुर्द , बाना का बास , भोजकारे , बोरुंदा , चामू , दांतीवाड़ा , गागरी , गोदेलाई , गुड़ा विश्नोइयान (3), जाख बिलाड़ा , जोधपुर , कागल , खाबेड़ा , कुटियासनी कलां (), मडला कलां , मोड़ी जोशियान , नंदवान , पाल , फलौदी , पूनासर , प्रहलादपुरा , रायमलवाड़ा , सालवा कल्
आडेल , बछराऊ, धारासर ,गरल , गिरा , हाथीतला , इंद्रोही , जालीपा , जैदू , कल्याणपुरा , खट्टू , खूमे की बेरी (खूमे की बेरी), कोलू , लीलाला , लीलसर , माधासर , मंगले की बेरी , मोखब खुर्द , नंदराम की ढाणी , नौख , नोखरा (20), परेऊ , रतासर , रायचंदपुरा , रेडाणा , स्यूनियाला , सोभाला जेतमलां , सोमेसरा ,
भीमगुरा , डबली , लालजी की डूंगरी ,बड़ेत , कोदेसर , रघुनाथपुरा , बिजनाइयों का बास (रघुनाथपुरा) , पुरा की ढाणी |
मध्य प्रदेश में वितरण
बरनावद राजगढ़, ग्वालियर , अबगांव खुर्द (हरदा) दंतोड़िया में बैनीवाल, बिलपांक में बेनीवाल , नामली घटवास 1, कालोरी खुर्द 1, नेगरदा
छोटा बरदा , दत्तिगरा (2), पडुनी कलां ,आमला मज्जू , खाचरोद , मालचपुर ,अबगांव खुर्द (5), बैड़ी , भादूगांव , डूडी ढाणी , करताना , कोलीपुरा , कुसिया , सेगोन
बेनीवाल मध्य प्रदेश के धार जिले के बदनावर तहसील के बड़वाई गांव में रहते हैं । वे धार जिले के माचकदा गांव में भी निवास करते हैं ।
गोठरा श्योपुर , लाठ , नयागांव धोंडपुर ,ग्वालियर , लश्कर ( ग्वालियर ), आमला मज्जू , खाचरोद , मालचपुर ,दौलतपुरा बरवाहा , जामनिया , कोडाला , थारवार ,
राऊ इंदौर , परदेशीपुरा (इंदौर शहर का एक इलाका),गिल्टोरा ,बागनखेड़ा , गुराडियागुजर ,|
उत्तर प्रदेश में वितरण
छतुरिया , घेसूपुर , निभदा , जवां बुलंदशहर , खैलिया कल्याणपुर ,तितावी , खेड़ा गदाई ,बलदिया (बलदिया) , लालपुर (लालपुर) , रायपुर शुमाला खेड़ी (रायपुर शुमाला खेड़ी) , शाहपुर (शाहपुर) तितावी , खेड़ा गदाई ,गोहरानी ,
बठईं खुर्द , भदोखर , गढ़ी बरवारी , खितावता , कोसी , कमर मथुरा , कडौना , महनकी , पाखरपुर , पुठरी , सिरथला , सांचौली , हुलवाना ,चंगासी , राठ ,मामेपुर ,मायाहेरी ,हाशमपुर , मूंडा |
हरियाणा में वितरण
बिलावल (बिलावल), कालुवास (कालुवास), कुंगर (कूंगड़) , मुंढाल (मुंढाल), धानी मीठी (ढाणी मीठी), बिधवान (बिधवानन), बामला (बामला), सांगा (सांगा) , फफड़ाना , शाहजहाँपुरबुलांवाली , सुंदरपुरा , हाट ,शेखपुरा ,टिकरी ,चौराही , मामली , मुकरपुर , करतारपुर , मांडखेड़ी ,जांट , जांटी ,|
भागवी (भागवी), बदराई , नीमली , बलियाली , मिर्च , सरूपगढ़ , सांतौरआदमपुर (आदमपुर), बालक (बालक), बालसमंद हिसार (बालसमन्द), बांडाहेड़ी , बिचपरी (बिछपड़ी), बुगाना (बुगाना), बुडाना (बुडाना) , बगला हिसार (बगला), भिवानी रुहेलां (भिवानी रुहेलाँ), बोबुआ (बोबुआ), बुड़क (बुडक) , चूली बागड़ियां (चूली बागड़ियांन), चूली कलां (चूली कलां), चूली खुर्द (चूली खुर्द), ढाड़ (धाड़), धान्सू (धान्सू), डोभी (डोभी), डरोली (दड़ोली), गोरछी (गोरछी), गवार हिसार (ग्वार), घुड़साल (घुड़साल), जुगलान (जुगलान), जाखोद खेड़ा (जाखोद खेड़ा), कनोह (कनौह), खारिया (खारिया), खारिदा धोबी (खड़िया धोबी) , खारिया हिसार , किशनगढ़ हिसार (किशनगढ़), किरोड़ी (किरोड़ी), काब्रेल (कबरेल), कोहली (कोहली) , कुलेरी (कुलेरी), लिटानी (लिटानी), मींगनी खेड़ा (मींगनी पाद), मुकलान (मुकलान), मिर्जापुर (मिर्जापुर), मीरपुर (मीरपुर) , मोहबतपुर (मोहबतपुर), नारा हिसार (नारा), नियाना (नियाना), पनिहार चक (पनिहार चक), रावलवास कलां (रावलवास कलां), रावलवास खुर्द (रावलवास खुर्द), शाहपुर (शाहपुर), सलेमगढ़ (सलेमगढ़) |
अभोली (अभोली), आनंदगढ़ , (आनंदगढ़), अरनियावाली (अरनियावाली), आसा खेड़ा (आसा खेड़ा), बरासरी (बरासरी), बकरियांवाली (बकरियांवाली), बरूवाली , बेरवाला खुर्द , बुर्ज भंगू (बुर्ज भांगू) , चाड़ीवाल ( चाडीवाल ), चाहरवाला (चाहरवाला), दादू सिरसा (दादू), दारेवाला (दारेवाला) , दरबा कलां (दड़बा कलां) , डिंग (डिंग) , गिगोरानी (गिगोरानी), गांजा रूपाणा , गुसैना , गुडिया खेड़ा (गुडिया खेड़ा), घुकनवाली (घुकांवाली) , हंजीरा , जमाल (जमाल) , जोगीवाला , कागदाना (कागदाना) , कालुआना , कुसुंबी (कुसुंबी) , कैरांवाली (कैरांवाली), कुम्हारिया सिरसा (कुम्हारिया), कंवरपुरा (कंवरपुरा), खेवली (खेयोवाली), लुदेसर (लुदेसर) , माधो सिंघाना (माधो सिंघाना), मम्मड़ खेड़ा (मम्मड़ पाद), बैजलपुर (बैजलपुर), भूथन कलां (भूथन कलां), बरोलांवाली (बरोलांवाली), भट्टू कलां (भट्टू कलां), धाबी कलां (ढाबी कलां), ढांड फतेहाबाद (ढांड), धरनी (धरणी), गदली (गदली), गोरखपुर फतेहाबाद (गोरखपुर), परतान (पारता), रामसरा (रामसरा), सूली खेड़ा (सूली बिछाना), सेखुपुर डरोली (शेखुपुर दड़ौली), थुइयां (ठुइया),| सीसवाल (सीसवाल), सरसोद (सरसौद)गोधरी (गोधड़ी), कुटानी (कुटानी ), सफीपुर (सफीपुर), काहरी बिरोहर (बिरोहर), मलिकपुर बेरी (मलिकपुर), दादनपुर (दादनपुर) , दूबलधन माजरा ,गोधरी (गोधड़ी), कुटानी (कुटानी ), सफीपुर (सफीपुर), काहरी बिरोहर (बिरोहर), मलिकपुर बेरी (मलिकपुर), दादनपुर (दादनपुर) , दूबलधन माजरा ,खेड़ी महम (खेड़ी महम), मायना (मयाना), खरकड़ा (खरकड़ा) ,फ्रैन कलां , राजगढ़ धोबी , हमीरगढ़ , नरवाना , बरसोला , हाथो , झील , काकरोद , खराल , करमगढ़ , धरोड़ी , मोहल खेड़ा , सुदकैन कलां, गतौली , सुलेहड़ा, उझाना , बुवाना , उचाना खुर्द , सरफाबाद , खेरी बुलांवाली , सुंदरपुरा , हाट ,शेखपुरा ,टिकरी ,चौराही , मामली , मुकरपुर , करतारपुर , मांडखेड़ी ,जांट , जांटी ,|
महाराष्ट्र में वितरण
हटाणे (हटाने), मालेगांव ,
पंजाब में वितरण
बेहनीवाल पंजाब के मानसा जिले की मानसा तहसील में एक गाँव है
कोकरी बेहनीवाल पंजाब के मोगा जिले की मोगा तहसील का एक गाँव है ।
पटियाला जिले में (4,440) भैनीवाल हैं।
दिघावली , कुलार ,कुलार फिरोजपुर ,बहनीवाल मानसा , फत्ता मलूका (फत्ता मलूका) |
दिल्ली में वितरण
पीतमपुरा
उत्तराखंड में वितरण
हरिद्वार जिले के गांव
हरिद्वार जिले में (1,000) बेनीवाल हैं ।
दहियाकी , मंडावली ,
- प्रमुख व्यक्ति
देवेन्द्र कुमार बेनीवाल – आईईएस (1999) गांव गरल (बाड़मेर)
जीत राम बेनीवाल – आईईएस , गांव मुंडा , जिला: हनुमानगढ़]],
चौधरी लक्ष्मी नारायण बेनीवाल – विधायक एवं मंत्री उत्तर प्रदेश
डॉ. संदीप बेनीवाल – बिजनाई का बास (रघुनाथपुरा) झुंझुनू जिले से
श्री कपिल बेनीवाल नंबरदार – (मुनसारी) से हनुमानगढ़ जिले में
श्री सुभाष बेनीवाल सरपंच – (मुनसारी) से , हनुमानगढ़ जिला
भीम सेन चौधरी (1925-2000) – लूणकरणसर , बीकानेर , राजस्थान से छह बार विधायक
बद्री राम बेनीवाल- छानी , भादरा , हनुमानगढ़ से राजस्थान में एक सामाजिक कार्यकर्ता थे ।
कालूराम बेनीवाल – शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता गाँव खिड़की (खिड़की) तहसील निवाई जिला टोंक , राजस्थान ।
राम लाल बेनीवाल ( चौधरी रामलाल बेनीवाल), सरदारगढ़िया , भादरा , हनुमानगढ़ , राजस्थान में एक सामाजिक कार्यकर्ता थे ।
अमृता देवी – बिश्नोई शहीद |
बलविंदर बेनीवाल – भारतीय मुक्केबाज |
कोटवा बेनीवाल – चीन विजेता महारानी कोटवा बेनीवाल जाटणी |
भलेराम बेनीवाल – जाट इतिहासकार |
स्वर्गीय चौ. कल्याण सिंह – ब्रिटिश काल में प्रथम जाट मजिस्ट्रेट (रुड़की) मंडावली , हरिद्वार उत्तराखंड |
कमला बेनीवाल – राजस्थान की राजनीतिक नेत |
दिलीप सिंह बेनीवाल – सामाजिक कार्यकर्ता |
देवा राम बेनीवाल – 1971 भारत-पाक युद्ध के शहीद, गांव: बायतु पणजी (बाड़मेर) |
जेठा राम बेनीवाल – वकील एवं किसान नेता, गरल ( बाड़मेर ), राजस्थान |
हरदत्त सिंह बेनीवाल – भादरा, हनुमानगढ़ , राजस्थान से स्वतंत्रता सेनानी ।
जेठ नाथ परमहंस ( बेनीवाल ) – जसनाथ अहराम कोलू के मठाधीश
संजय बेनीवाल – आईपीएस दिल्ली |
छत्र सिंह बेनीवाल – आरएएस राजस्थान |
अभिमन्यु बेनीवाल, उप निदेशक-वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार |
अनुराधा बेनीवाल – राष्ट्रीय शतरंज चैंपियन वर्तमान में लंदन (हरियाणा से) में रहती हैं। वह जीवनयापन के लिए लंदन में शतरंज सिखाती हैं।
रामरिख सिंह बेनीवाल – मूल रूप से चूली बागड़ियान , हिसार , हरियाणा के निवासी थे, वे जयपुर , राजस्थान में एक सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी थे ।
मघा राम बेनीवाल – 1965 भारत-पाक युद्ध के शहीद, गांव खट्टू , बाड़मेर |
बलबीर सिंह बेनीवाल – सेवानिवृत्त डीआईजी (बीएसएफ), हनुमान नगर, जयपुर में रहते हैं।
बीरबल सिंह बेनीवाल – सेवानिवृत्त उप निदेशक (खेल) |
विजेन्द्र सिंह बेनीवाल (विजेन्द्र सिंह बेनीवाल) – मुक्केबाजी राष्ट्रमंडल खेल 2006 में रजत पदक विजेता (69 किग्रा) और बीजिंग ओलंपिक 2008 में कांस्य पदक (75 किग्रा)।
विजयपाल बेनीवाल – अध्यक्ष, छात्र संघ, राजकीय। डूंगर कॉलेज, बीकानेर
मेजर जनरल ओपी बेनीवाल, वीएसएम, सिग्नल कोर, वर्तमान में उत्तरी दिल्ली में तैनात, स्वर्गीय चौधरी रामरिख बेनीवाल के पुत्र।
प्रीति बेनीवाल – हरियाणा की भारतीय महिला मुक्केबाज।
रायसल बेनीवाल – 15वीं शताब्दी में राठौड़ों द्वारा इस क्षेत्र पर कब्जा करने से पहले राजस्थान के जांग्लादेश क्षेत्र के जाट शासक थे ।
संजीव बेनीवाल – वर्तमान विधायक – 2013 भादरा , जिला हनुमानगढ
वीरेंद्र बेनीवाल – विधायक लूणकरणसर , भारतीय कृषि पत्रकार पुरस्कार – 2006 प्राप्तकर्ता
जगदीश बेनीवाल – पूर्व विधायक दरबा कलां , जिला सिरसा |
विद्या बेनीवाल – पूर्व सांसद एवं पूर्व विधायक, दरबा कलां , जिला सिरसा |
भरत सिंह बेनीवाल – पूर्व विधायक दरबा कलां , जिला सिरसा
प्रो. अनूप सिंह बेनीवाल – डीन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज।
राजकुमार बेनीवाल – आईएएस 2004 बैच, कलेक्टर मेहसाणा, गुजरात, मूल रूप से मंडावरा , हिंडौन , करौली , राजस्थान से हैं।
स्वर्गीय प्रो. जगदीश बेनीवाल – दिल्ली विश्वविद्यालय-हिंदी विभाग के प्रोफेसर, दरबा कलां , जिला सिरसा
कुलवीर सिंह बेनीवाल – पूर्व विधायक भट्टू कलां , जिला फतेहाबाद
चौ. रणसिंह बेनीवाल – पूर्व विधायक भट्टू कलां , जिला फतेहाबाद
रामदेव सिंह बेनीवाल – आरएएस, गृह जिला – चूरू
लाल सिंह बेनीवाल – प्रगतिशील किसान
मेजर एनएस बेनीवाल – एएमसी में डॉक्टर
जय राम बेनीवाल – आरएएस (2012), बायतु से ( बायतु , बाड़मेर )|
राय सिंह बेनीवाल : आरपीएस डिप्टी एसपी सीआईडी क्राइम ब्रांच जयपुर, |
राजेश बेनीवाल : आरपीएस को एसीपी बस्सी , जयपुर पूर्व |
बीएस बेनीवाल – आईएफएस एजीएमयू
हरवीर सिंह बेनीवाल – आरजेएस राजस्थान
चौ. लालचंद बेनीवाल नंबरदार – हनुमानगढ़ जिले के (मुनसारी) से।
धर्म पाल (बेनीवाल) – चीफ इंजीनियर मर्चेंट नेवी |
सुनील बेनीवाल : आईआरटीएस 2006 बैच, दिल्ली में पदस्थापित, चूरू , राजस्थान |
बगता राम बेनीवाल – अधीक्षक केन्द्रीय उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क, गृह जिला: बाड़मेर
देवेन्द्र कुमार बेनीवाल – आईईएस (1999) गांव गरल (बाड़मेर)
जीत राम बेनीवाल – आईईएस , गांव मुंडा , जिला: हनुमानगढ़]],
बृजेश बेनीवाल – अधीक्षक सीमा शुल्क एवं जीएसटी, हिंडौन सिटी, कचरौली ।
विक्रम बेनीवाल – आरएएस (2012), हनुमानगढ़ से |
कृपा शंकर बेनीवाल ( बिश्नोई ) – 2000 में, बेनीवाल को खेल में उत्कृष्ट राष्ट्रीय (भारत) उपलब्धि के लिए अर्जुन पुरस्कार मिला।
आर्या सुनीता बेनीवाल – प्रधान संपदक “अजेय भारत”, 1264, सेक्टर 16/17, हिसार, हरियाणा |
जय राम बेनीवाल – आरएएस (2012), बायतु से ( बायतु , बाड़मेर )|
संदीप बेनीवाल – आईएएस -2014, रैंक-455. |
अनिल बेनीवाल : आईपीएस 2014, राजस्थान कैडर, हनुमानगढ़ से |
बलदेव राज बेनीवाल : आरएचजेएस राजस्थान , रणजीतपुरा , हनुमानगढ़ ।
हेमराज बेनीवाल – आईपीएस , टिब्बी हनुमानगढ़ , ने हनुमानगढ़ जिला जाट समिति द्वारा चलाए जा रहे जाट कन्या छात्रावास के लिए 70000/- रुपये का दान दिया
अमित बेनीवाल – लेफ्टिनेंट अमित बेनीवाल |
धर्मेन्द्रवीर बेनीवाल – पुत्र चौ. किस्तुरा राम बेनीवाल, प्रहलादपुरा, चामू, शेरगढ़ , जोधपुर , राजस्थान |
एच.के. बेनीवाल – पूर्व निदेशक, केंद्रीय सतर्कता आयोग, भारत सरकार।
स्वर्गीय डॉ. जगदीश बेनीवाल – पुत्र चौ. गिरधारी लाल जैलदार, दरबा कलां, सिरसा , दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर |
राजीव बेनीवाल – कैप्टन राजीव बेनीवाल गांव दरबा कलां सिरसा जिला |
अक्षय बेनीवाल – कैप्टन अक्षय बेनीवाल गांव दरबा कलां सिरसा जिला