Bhalotia (भालोटिया जाट)
जानकारी
- मूल
भालोठिया,भालोटिया एक उपाधि है। जिसका प्रयोग जांगू गोत्र के जाटो द्वारा किया जाता है जो राजस्थान में पाए जाते हैं और हरियाणा की उत्पति राजस्थान के झुंझुनूं जिले के भालोठ गांव से हुई है। इस गांव का नाम महान योद्धा भाल के नाम पर रखा गया था।
- इतिहास
इन्हें जांगू का वंशज माना जाता है। यह गोत्र मध्य प्रदेश के भोपल में भी पाया जाता है। संयोगवश, हरियाणा के रोहतक शहर के पास ही इसी नाम का एक और गाँव (भालोठ) है।
भालोठवासी एवं भालोठ से अन्यत्र गए लोग अपने नाम के आगे जांगू की बजाय भालोठिया लगाते हैं। एवं अन्य जगह जा कर समूह में बासी ढाणी को नाम से जाना जाता है।
गयासुट्टीन तुगलक जो 14वीं शातब्दी मे दिल्ली का बादशाह था नारनौल के पास जिला झुंझुनूं में तात्कालीन रियासत खेतडी में धोलाखेड़ा नाम का एक बड़ा गांव जांगू गोत्र के जाटो का था। दिल्ली के जो शासक थे उन्होंने अलग-अलग ठिकाने बना रखे थे। शासक ने हकिम को कुछ सैनिको के साथ राजस्थान भेजा कर इकट्टाठा करने के लिए हकिम ने खेतडी में कर इकट्टाठा किया और दिल्ली के लिए रवाना हो गए। रास्ते में उनकी नजर एक सुंदर स्त्री पर पड़ीं और उसे उठा लिया | सुबह पाँच बजे जब वह धोलाखेड़ा गांव के रास्ते गुजर रहे थे।तो लड़की लोगो की आवाज सुनकर रोने लगी और यह सुनकर गाँव वालो ने हकिम की सेना पर हमला कर दिया कुछ सैनिक भाग गए और कुछ मारे गए और लडकी को छुडवा लिया। परतु हाकिम बच निकला लड़की को उसके घर भेज दिया गया। हाकिम ने इसका बदला लेने के लिए फूलेरा दूज का दिन चुना क्योकि उस दिन गाव में 52 बारात शादी के लिए जानी जाती थी। उस समय बारात तीन दिन तक रूकती थी। और हाकिम ने फुलेरा दूज वाली रात को धोलाखेडा पर अक्रमण किया कहा जाता है हांसी के शासक ने इसमे हाकिम का साथ दिया था आदमी बारातों में गए हुए थे औरते लड़ी। पूरे गांव में आग लागा दिया पूरे गांव को तबाह कर दिया। और जो बचे वे धोलाखेड़ा से दिल्ली के तरफ़ चले गए। कुछ जानकार का कहना है। कि धोलाखेडा के लोग मुकलावा (गौना) करने (पुराने समय में छोटी उम्र में शादी के बाद लडकी के बलिग होने पर उसे लेने जाने की रस्म) गए हुए थे। उस समय 8-10 दिन लडकी के घर रुकते थे पीछे से दिल्ली के शासक ने 32 गांवो पर कब्जा कर लिया मुकलाऊ वापस आने पर 16 गावों पर लडाई कर कब्जा वापिस ले लिया और 16 गांवो का कब्जा स्वयं छोडकर चले गए | धोलाखेडा उजडा उस समय एक स्त्री अपने पिहर चादंगोठी गई हुई थी। वह गर्भवती थी उसने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम भाल रखा वह अपने नाना के घर रहता था और बहुत शरारती था यह उसके मामा -मामी को अच्छा नही लगता था उन्होंने कहा यहा से चले जाओ उनके नाना जी ने जीवन बसर के लिए उन्हें जमीन दी। उस जमीन पर अपनी माँ के साथ खेती करके अपना गुजारा करते थे वह खेत में डामचे पर चढ़कर गोफीयो से गोले फेक कर जानवर, पक्षी को उडाता था खेत के पास में एक बहुत बणी (जोहड, थी गयासुट्टीन दिल्ली का बादशाह उस बणी में जा पहुंचे। उसके साथी उनसे अलग हो गए हो जब बणी में घोडे पर चढ़कर आया तो उसकी आवाज भाल के कानो में पड़ी भाल ने सोचा की कोई जानवर है उसको भागाने के लिए गोफिया से गोला मारा जो घोडे की टांग पर लगा जिससे धोड़ा जोख्मी हो गया बादशाह की आवाज सुन भाल बाणी मे देखने आया। उनकी मदद करने के लिए खेत मे ले आए उनका आदर किया उन्होंने एक दूसरे को अपने बारे में बताया भाल को बादशाह के बारे में पता था की उन्होंने मेरे गाँव को तबाह किया था भाल, बादशाह को मारने लगा बादशाह ने कहा मुझे मत मारो मुझे बिना बताए हकीम ने ऐसा काम किया था बादशाह ने कहा (आप मेरे साथ धोलाखेडा चलो ताकि में आपको वहाँ वसा संकू भाल ने इसके लिए हाँ कर दी। भाल उनके साथ धोलाबेड़ा गया वहां बादशाह ने भाल को (बावनी) 52000 बीघा जमीन दी। भाल ने धोलाखेड़ा के पास भालोठ गाव बसाया जो आज भी नारनौल के पास झुंझुनूं जिला, बुहाना तहसील राजस्थान में आबाद है।उसके बाद बादशाह दिल्ली चले गए। धोबाखेडा से तीन भाई जिनका नाम दोला तमुर, वरख्तावर, और एक राजू जो दिल्ली में जाकर बस गया। उनके नाम से गुडगांत के पास दोलातबाद, बख्तावपुर, (पश्चिम दिष्ली) राजपुर (उत्तरी दिल्ली) आदि जागू गोत्र के तीन बड़े गाव में आबाद है। भालोठ लगभग सवंत 1365 में भाल ने बसाया संवत 1586 सन् 1529 में भालोठ के पास घडसी राम व सुरज राम ने ढाणी भालोठ बसाया।
- प्रमुख गाँव
राजस्थान में वितरण
भालोठ, ढाणी भालोठ, कुहाडवास, नालपुर, श्यामपुरा, बुहाना, बाकरा, बेरला, मनाना बुहाना, गोठ वुहाना । गणेश कॉलोनी, खचवाना, खातीपुरा, मुरलीपुरा योजन सेठी कॉलोनी, भालटोन की खेड़ी (तरश्मि), धीस |
मध्य प्रदेश में वितरण
किवलाझिर
हरियाणा में वितरण
बरवास, मंढोली कला, कारी तोखा, मधान तोशाम।
- प्रमुख व्यक्ति
*किशोरी लाल भालोठिया (PET) अध्यक्ष ग्रामीण खेलौद संस्था भालोठ।
*रितु भालोटिया:-भिवाडी राजस्थान से 2016 में मिसेज इंडिया क्वीन ऑफ सब्सटेस चुनी गई।
*राधेश्याम भालोटिया: – पूर्व सूबेदार सेना किसानो को प्रेरित करने के लिए जयपुर में सफलतापूर्वक ग्रीन हाऊस संचलित करने के लिए सम्मनित किया गया।
*अनिल चौधरी भालोठिया:-अकाउंट सर्विसेज वीकेआई जयपुर