Choyal (चोयल जाट)
जानकारी
- मूल
चोल, चौला, चोयल आदि यह गोत्र जाट मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान में पाए जाते हैं।
- उत्पत्ति
इसका प्रारम्भ गुजरात के शासक चोल के नाम से हुआ है। इसलिए इसे चोयल जाट गोत्र कहा जाता है। इनकी शुरुआत राजपूताना से पहले हुई। क्योंकि राजपूताना जांगल प्रदेश राज्य कहलाता था। यह गोत्र गुजरात में विस्तृत है और राजस्थान के क्षेत्रों में भी आबाद है।
- इतिहास
राम स्वरूप जून जो एक लेखक है। जो चोल, चहल, चोयल के बारे में लिखते है यह बहुत पुराना गोत्र है। इनके मध्य और दक्षिणी भारत में राज्य था। इस बात का प्रमाण है। उन्होंने गुजरात में भी शासन किया। वे भरतपुर और गुडगावं में बड़ी संख्या में पाए जाते है यह आगरा में 242 गाँव अधिक क्षेत्र में फैले हुए यह पंजाब में भी चीख चाहर सिख के नाम से पाए जाते हैं।
जेम्स वाँड के अनुसार ययाति के वृक्ष की एक बड़ी भुजा का पता नहीं चला। वह उरू या उर्वसु की है। अन्य लोग तुर्वसू लिखते हैं उरू ने कई साम्राज्यो की स्थापना की। उरू के आठ राजकुमार थे और विरूपा के आठ बैठे थे जिनमें से दो का उल्लेख किया दो मधन राखाओ द्रुह्यु और भब्रू को भेजने के लिए किया गया द्रुह्यु ने उत्तर में एक राजवंश की स्थापना की कहा जाता है कि अरद्वात ने अपने पुत्र गांधार के साथ मिलकर एक राज्य की स्थापना की थी यह पक्ति प्रसिद्ध शकुतंला के पति ,भारत के पिता दुष्यन्तके साथ समाप्त हुई और जो नाराज देवता की नाराजगी के कारण कार्य करते थे हिन्दू उन्हें कहते थे कि वे सभी दुखो का कारण थे दुष्यन्त के चार पौत्रों थे कालजर, केरल पांड, और चौल ने देशो को नाम दिए।
- चोल का वंश
चोल एक प्राचीन राजवंश है। इसमे महाभारत, ग्रन्थों । मेगस्थनीज के वृतान्त, अशोक के अभिलेख भी 3ल्लेख है। दक्षिण भारत में इन राज्यो में मैसूर और तमिल का अधिकाशं क्षेत्र शामिल था आठवीं शताब्दी में पाड्य वंश की शक्ति और नौवीं शताब्दी में पल्लवो (दो जाट वशं) की शक्ति क्षीण होने के कारण र चोलशक्ति का आहवन हुआ |
महाभारत सभापर्व में पाड़वो की उत्तर दिशा में अजून में कई देशो के साथ चोल देशो (अध्याय २) और उत्तर कुरूदेगो । अध्याय (२४) को भी जीत लिया |
- महावसा
अध्याय 21 और अध्याय 36 में उल्लेख किया गया है।
अध्याय 21:- एलरा नाम का एक कुलीन वंश का दमिल था जो चोल देश से राज्य अधिकार करने आया था उन्होंने वहाँ के राजा असेला को 44 वर्षा तक पाराजित करने के बाद वहाँ पर शासन किया।
अध्याय 36:- कोल लोगो (चोल) का एक भिक्षु , जिनका नाम संघमित्त था उसको आत्माओं को भागाने का अच्छा ज्ञान था उसने स्वयं को वहाँ से निर्वासित और एक भिक्षु से जोड लिया था वह महाविहार के भिक्षुओं के प्रति कटु भावना से भरा हुआ यहा आया था।
- प्रमुख गाँव
राजस्थान में वितरण
बरना अजमेर, किशनगढ़, मानपुरा, जाखैरा, अरव, बाजियों की ढाणी, डोडियान नागौर चुई , बुटाटी, बोरखा, बरनेल, छोलियास, डागरी, डोवरी कला, ज्याणी कालवा, हबचर, जाखेरा, जावा सिसौदीया, गोठरा नागौर, इन्दौखा मकराना, गच्छीपुरा, गेनाणा, रावलियावास, रोल, राणास, राजापुरा, मिठरिया, लूणसरा, कुराडा, कुंवर खेडा, खिवताना, काठोती, सूडवार, सूनारी नागौर, टिपाणी, सिकराली। मालवीय नगर, सुजानगढ, गुडिया, चोहिलावली, धोली चाल, संगरिया, दडावट, गनवर, नयागांव मुकराण्य, रहीमपुरा, चोयल, गंगानगर |
मध्य प्रदेश में वितरण
चिंगुन, बरखेडादेव, रलायता मुल्तानपुरा, मोल्याखेडी चाओली, चांगली (मल्हारगढ), चापड़ा ग्रहण सोनी मालवा, भोपाल, फतेहनगर, पिपल्याव्यास खावदा, नीमच।
रतलाम (5), धमोलर (1), सालाखेडी (1), सिनोद (1), पीर इगोलिया (3), कोटडी (1), ढेकवा (२), बोदिना (1), भैसा डावर, वरदिया गोयल (2), बजली (३५), रेहडा, खडोदा, गुनावद, उज्जैन, इटावा उज्जैन, ढाबला, रेहवारी बोरखेडा पित्रागल, ओलग्ना, बडवानी, तालुन, धानीपुर धरमपुरी, जाबडा, सिरसी, टवलाई, खुर्द, परदेशीपुर, अमरपुरा, हलिया खेडी, मुहाई, नसरुल्लागंज
गुजरात में वितरण
चोयल (सेवेल), लक्ष्मीपुरा, रामपुरा।
हरियाणा में वितरण
अली मोहम्मद, मोडिया खेडा ।
- प्रमुख व्यक्ति
ⅰ) श्री ओमप्रकाश चोयल गांव चोहिलावली जिला जाट समाज समिति हनुमानगढ़ के सदस्य और कर्मठ कार्यकर्ता है।
ii) गौरी शंकर चौधरी (चोयल)- श्रीराम फर्ट। एवं रसायन, प्रबंधक (प्रशासन), वर्तमान पता – 66 दादाबाडी एक्सटेशन, कोटा, राज।
iii) रामेश चन्द्र जाट चोयल, जटपुरा सोनकच्छ, (मध्य प्रदेश)|
iv) श्री जोताराम चोयल पुत्र नारायण चोयल:- कठौती, जिला नागौर आदि समाज सेवी व्यक्ति है।