Devanda (देवन्दा जाट)
जानकारी
- मूल
देवंदा गोत्र का नाम देवधरा नामक स्थान से लिया गया है। जो हरियाणा के यमुना नगर जिले की जगाधरी तहसील का एक गाँव है।
- उत्पत्ति
देववंदा देवंदा, देवेन्दा राजस्थान और मध्य प्रदेश और पाकिस्तान में पाए जाने वाले जाटो का गोत्र है।
- इतिहास
देव जाटों की एक जनजाति है। जो व्यावहारिक रूप से सियालकोट तक ही सीमित है। वे सकंत्रा को अपने पूर्वजों में से एक मानते हैं। जफर वाल और तहसील में इसी नाम के शहर में इनके लिए एक बहुत ही प्रतिष्ठा स्थान है। ये लोग प्राचीन मूल दावा करते हैं। उनके पूर्वज को महाज कहा जाता है। लेकिन राजपूत नहीं है।यह हिन्दूस्थान में ‘साकी जगल’ से उभरे थे उनके पाँच पुत्र थे जिनमे से दो पुत्र ने दो जाट जनजातियो को अपना नाम दिया और अन्य शाखाएं गुजरावाला और झांग में फैल गई। लेकिन इस एक अन्य कहानी उन्हे राजा जागदेव एक सूरजबंसी से जोड़ती है।. उनके पास सांही के समान ही विवाह समारोह है। यह अपने पूर्वजो का आदर बकरी के खून से करते इनकी रीति-रिवाज कुछ अलग होते हैं। वह इनका विवाह मान जाटो से नहीं हो सकता जिनके साथ उनका पृथक संबंध हो यह ज्यादातर अमृतसर में पाए जाते. गए है। यह लोग कुछ खास मौके व शादी में एकत्रित होते थे तालाब से बाहर निकलने आने पर पंडित उनके माथे पर बकरी का खून लगाते हैं। यह सब दूल्हे के साथ भी होता है।
- प्रमुख गाँव
राजस्थान में वितरण
देवंदा (देवंडा) राजस्थान के जयपुर, टौक, सीकर जिलों में पाए जाने वाले जाटों का गौत्र है।
अम्बाबाड़ी, बालानंद जी का रास्ता, मुरलीपुरा स्कीम, ठाकुर पचेश्वर का रास्ता, उनियारों का रास्ता,
बदनी बालापुरा लाडाना भूरटिया बूकनी, चकवाड़ा चौरू (चीधवाड़ी, ताबड़ी रामपुरा, दातूली, नासनीता, पिंडलोई, रेनवाल, रेती, ढाणी राजपुरा, गरोटा, हिरनीदा, इटावा तेज्या का बास, जाटावाला सांगानेर करेड़ा खुर्द, करथी का बास, खोरा लरखानी, कोदर । सांगानेर), लोरडी, मांदलिपा, मुकुंदपुरा दडावता, सांगानेर, सुंदरिया, भनौखर, अरण्य बस्सी, बालापुरा लावा, बम्बोर, बनेडिया बुजुर्ग, बास झरना, धौबरू, फररुया, हनौतिया, बेनियों का बास, खाचरियावास, पिपलोदा का बास, तिवाड़ी की ढाणी, विजयपुरा श्रीमाधोपुर, जौला, झिराणा, बगड़ी, खेडूलिया, माधोगंज, मोतीपुरा, राजवास, रोहिड़ा, बेनियों का बास, खाचरियावास, पिपलोदा का बास, तिवाड़ी की ढाणी, विजयपुरा श्रीमाधोपुर |
मध्य प्रदेश में वितरण
रतलाम जिले में इस गोत्र की जनसंख्या वाले गांव है:
दंतोड़िया, देकवा, घटवास, हनुमानपालिया, झारसंडला ।
उत्तर प्रदेश में वितरण
दयालपुर ज्ञानपुर, चंदोई।
हरियाणा में वितरण
दयालपुर, खारिया हिसार।
पंजाब में वितरण
सिरी वाता
पाकिस्तान में वितरण
देव लोग सूर्यवंशी वंश का दावा करते हैं। वे पूरे मध्य पंजाब में पाए जाते हैं, और विभाजन से पहले, अमृतसर और जालंधर जिलों में भी पाए जाते थे। वे सोहल और देओल वंश से निकटता से जुड़े हुए हैं।
1911 की जनगणना के अनुसार, यह प्रमुख मुस्लिम जाट कबीला था जिसकी जनसंख्या निम्नलिखित जिलों में थीः
●लाहौर जिला – देव (111)
●अमृतसर जिला – देव (237)
●लायलपुर जिला (फैसलाबाद जिला) – देव (610)
●सियालकोट जिला – देव (855
- प्रमुख व्यक्ति
* लूणा राम देवंदा:- खाचरियावास शेखावाटी किसान आंदोलन के नेता थे।
* भैरूजी देवंदा और पीथा जी देवंदा:-पनेर, अजमेर, किशन गढ़ से। पनेर के एक प्रसिद्ध समाज सेवी थे पनेर के तेजाजी मंदिर पर सवंत 1885 में शिलालेख ।
* धीसा राम देवंदा :- खाचरियावास शेखवाटी किसान आंदोलन के नेता थे।
* हनुमान देवंदा :- राजस्थान के खेडूलिया गाँव में रहने वाले थे जम्मू कश्मीर के उधमपुर इलाके में आतंकवादीयो से लड़ते हुए शहीद हो गए। वे भारतीय सेना की 12 आर राइफल्स में थे