Mahur(माहुर जाट)
जानकारी
- माहुर जाट
* माहुर ( महुर) राजस्थान के जयपुर जिले में पाए जाने वाले जाटों का गोत्र है। कहा जाता है कि मथुर जाट गोत्र मादुर और माहुरे में अपभ्रंश हो गया।
- मूल
* मायरा ( ग्रीक मुरा) , लाइकिया में एक प्राचीन यूनानी शहर था जहा काले ( डेमरे) का छोटा शहर आज , वर्तमान तुर्की के अतालया प्रांत में है।
* माहुर : इस गोत्र की उत्पत्ति मुरा ( मुर् ) नामक पूर्वज से हुई थी।
* मादुर भारत के महाराष्ट्र में नांदेड़ जिले के किंवत तालुका में एक सेहर और धार्मिक स्थान है।
* इनका पूर्वज मूर था । जिसके वंसज माहूर कहलाए। इस गोत्र के जाट भरतपुर के क्षेत्र में मिलते है।
* 16 जनवरी 1964 ई० को भरतपुर में जाट समाज कल्याण पृष्ट्र का गठन किया गया।
* भरतपुर जिला स्तर के इस संगठन में चौ० महेंद्र सिंह माहूर को महामंत्री बनाया गया । जिस संगठन का संरक्षक कैटन भगवान सिंह को बनाया गया था।
* सन 1983 ई० में भी अखिल भारतवर्षीय जाट महासभा की कार्यकारिणी में जी सचिव बनाए गए उनमें श्री महेंद्र सिंह महुरे 2 – क /17 राजस्थान हाउसिंग बोर्ड , गोलबाग रोड , भरतपुर की मंत्री बनाया गया है।
- इतिहास
* ” आर्यन ट्राइब्स एंड द ऋग्वेद ” में एक जनजाति मुरा का उल्लेख आरवी में किया गया है।
* एक्स /414 , एक्स 4/6 और बीएच 61/51 नाम के दोनो रूप – मुरा / अमूरा प्रकट होते है। उनकी पहचान जाटों के मौर कबीले से की जाती है।
* प्रसिद्ध मौर्य, ” पश्चिम एशिया के एमिराइट्स” भी है। मुरम महाभारत में वर्णित उनका राज्य ईरान में मर्व हो सकता है। और आशूर के पास अमरूम नामक उनके शहर का नाम भी इन लोगो के नाम पर रखा गया।
* श्री मद्भागवत 10.59.12 बताता है कि भोमासुर के आदेश पर मुरा के सात पुत्र – ताम्र , अंतरिक्ष , श्रावण नभस्तन और अरुण अपने सेनापति पीठ के पीछे अपने हथियार लेकर युद्ध के मैदान में आए।
* इनका पूर्वज मूर था जिसके वंशज मादुर कहलाए ।
* इस गोत्र के जाट भरतपुर के क्षेत्र में मिलते है ।
- उल्लेखनीय व्यक्ति
* मंगल सिंह ( मदुरा) जी ए . एन पी एच डी , जन्मतिथि 0 – 1957 विदयुत नगर जयपुर।
* मुरा च नरकन चेव षस्ति यो यवनाधिपो , अपरिंत बल राजा परिव्यं वरुण यदा महाभारत
* जब वृत्र को महेंत्र ने मार डाला , जब रावण को राम ने मार डाला , जब मुरा को कृष्ण ने मार डाला और महाभारत युद्ध में गिरा दिया