Jatasara(जटासरा जाट)
जानकारी
- जटासरा जाट
जटासरा ( जटासुरा ) गोत्र जाट गोत्र में से है । यह तोमर जाट से मिला है।
- तुंवर के उपविभाग
* भीम जाट कुली की सूची प्रदान करते है जो राजनैतिक प्रभुत्व प्राप्त करने के दौरान तुंवर के समर्थक थे।
* जटास कबीले ने आरोही कबीले ने आरोही कबीले तुंवर का समर्थन किया और एक राजनैतिक संघ का हिस्सा बन गया।
* इस गोत्र का प्रारंभ कुछ लोग महाराज जटासुर से मानते है।
* यह जाट वंशज सम्राट था और भद्रक देश का राजा था।
* यह राजा वर्तमान काशी के आसपास का प्रदेश था। यह महाभारत युद्ध में बड़ी वीरता से लड़े थे।
* यह महाभारत में आया था। भद्रक देशों का राजा जटासुर , कुंती , किरातराज , पुलिंद तथा अंग , बंग , पुंडक, उद्राज और अनधक से सब जाट वंशज सम्राट थे।
* महाराजा जटासुर के वंशजों का शासन अब से 2500 वर्ष विद्यमान था। महात्मा बुद्ध को काशी से गया जाते समय इस वंश के तीस जाट राजकुमार मिले थे । जो एक वन में विहार करने के लिए आए हुए थे।
* वे तीसो महात्मा बुद्ध – चरित्र में अंकित है। आधार ( जाट इतिहास संपादक निरंजन सिंह चौधरी )
* जातासुर से लेकर उसके वंशज 30 राजकुमारो का शासन इस भद्रक देश पर 3100 ई० पूर्व तक 2590 वर्ष रहा।
* भारतीय ग्रंथो में इस गोत्र का वर्णन मिलता है।
* बृहद संहिता में पोटलो , छीनो , भल्लो आदि के साथ जटसर के रूप में उनका उल्लेख आया है।
* महाभारत में इस घटना का वर्णन मिलता है कि कृष्ण का अपहरण एक जटासूर द्वारा किया गया था।
* सभा पर्व में यह उल्लेख है कि जटासुर तथा मदरक पांडवो के लिए उपहार लाए थे।
* अब इस जटासरा क्षत्रियो को कुछ स्थानों पर ‘ आसारा ‘ भी कहा जाता है क्योंकि महाभारत के समय का प्रत्यय जाट हटा दिया गया। जिस प्रकार ‘ जतराना ‘ को आजकल ‘ राणा ‘ ही कहा जाता है।
- इतिहास
बी एस दहिया लिखते है : बृहत संहिता में उनका उल्लेख जतासुर के रूप में किया गया है । पोटला , छिनास , भल्लास आदि के आठ। महाभारत में बताया गया है कि जतासूर ने कृष्ण का अपहरण कर लिया था और सभा पर्व में उपहार लाने के रूप में जटासुर मद्र कास का उल्लेख है ।पांडवो के लिए उन्हें अब आसरा कहा जाता है।महाभारत काल से आने वाला उपसर्ग जाट हटा दिया गया है । जैसे :- जागनो को अब केवल राणा कहा जाता है।
- समाजसेवी जन
इस गोत्र के जाट तोशाम नगर में कुछ परिवारों के रूप में आबाद है अन्य स्थानों पर भी आंशिक रूप में ये मिलते है । चौ० मनीराम जटासरा वार्ड नं 6 ग्राम पो० तोशाम जिला भिवानी एक अच्छे समाजसेवी जन है।